घटना के वक्त मिथुन घर के आंगन में गेंद के साथ खेल रहा था। खेलते-खेलते वह अनजाने में आंगन में बने पानी भरे गड्ढे में गिर गया। जैसे ही परिवार वालों को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत बच्चे को गड्ढे से बाहर निकाला और सहरसा के सदर अस्पताल ले गए। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मिथुन को मृत घोषित कर दिया।
इस घटना के बाद मिथुन के परिवार में मातम का माहौल है। माता-पिता और अन्य परिजन अपने बेटे की असमय मौत से सदमे में हैं। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। लोग परिवार के इस दुःख में सहभागी बनकर उन्हें सांत्वना देने पहुंचे।
यह घटना क्षेत्र के लोगों के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना बेहद जरूरी है। खुले पानी भरे गड्ढों को भरने या उन्हें सुरक्षित करने की तत्काल आवश्यकता है ताकि ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और ऐसी संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएं।
मिथुन की असमय मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह घटना एक गंभीर संदेश छोड़ती है।
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