बेगूसराय जिले के फुलवरिया थाना क्षेत्र में सरस्वती पूजा के दौरान बुर्का पहनकर डांस करने का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दो युवक भोजपुरी गाने की धुन पर नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों युवकों की पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया है। साथ ही, सरस्वती पूजा आयोजन समिति के लाइसेंसधारी के खिलाफ भी विधि सम्मत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह मामला फुलवरिया थाना क्षेत्र के धोबी टोला वार्ड-20 का है, जहां सरस्वती पूजा के अवसर पर एक नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसी दौरान मंगलवार की रात दो युवकों ने बुर्का पहनकर भोजपुरी गाने पर डांस किया। स्थानीय लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे यह मामला तूल पकड़ने लगा।
फुलवरिया थाना पुलिस को जब इस घटना की सूचना मिली, तो उन्होंने वरीय अधिकारियों को अवगत कराते हुए तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। स्थानीय लोगों और पूजा आयोजकों से पूछताछ करने पर यह पुष्टि हुई कि आयोजन के दौरान दो युवकों ने बुर्का पहनकर नृत्य किया था।
पुलिस की कार्रवाई
डीएसपी मुख्यालय रमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि दोनों युवकों को हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ बाउंड डाउन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उनसे पूछताछ जारी है और आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी। पुलिस ने साफ किया कि इस तरह की आपत्तिजनक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा, सरस्वती पूजा आयोजन समिति के लाइसेंसधारी पर भी निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस प्रशासन इस घटना को गंभीरता से ले रहा है ताकि किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक अशांति या तनाव उत्पन्न न हो।
प्रशासन की सख्ती और जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि धार्मिक आयोजनों में इस प्रकार की गतिविधियां नहीं होनी चाहिए और आयोजकों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सिर्फ एक मनोरंजन का हिस्सा था, जबकि कुछ ने इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कृत्य बताया है।
निष्कर्ष
बेगूसराय की यह घटना सामाजिक और कानूनी दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण बन गई है। पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी में है। इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक आयोजनों में अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
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