पटना: बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने बड़ा बयान देकर महागठबंधन के भीतर हलचल मचा दी है। उन्होंने दावा किया है कि अगली बार उनकी पार्टी कम से कम 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगी और बिहार की राजनीति में वीआईपी की मजबूत उपस्थिति होगी।
भाजपा पर विधायकों को खरीदने का आरोप
रविवार को सिवान जिले के पानियाडीह पड़ौली में बाबा ज्योतिष नाथ एवं बाबू कारीख नाथ मेले को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी से चार विधायक जीते थे, लेकिन भाजपा ने उनकी पार्टी को कमजोर करने के लिए उनके सभी विधायकों को खरीद लिया।
उन्होंने कहा,
"भाजपा हमारी ताकत से घबरा गई थी। वे नहीं चाहते थे कि निषाद समाज राजनीति में मजबूत हो। उन्होंने हमारे चार विधायकों को तोड़ा, लेकिन वे भूल गए कि अगली बार बिहार में हमारे 40 विधायक होंगे।"
"अब हमारे समाज का बेटा टिकट मांगता नहीं, बांटता है"
मुकेश सहनी ने अपने समाज को एकजुट रहने की अपील करते हुए कहा कि अब समय बदल गया है। उन्होंने कहा,
"पहले हमारा समाज चुनाव में टिकट मांगता था, लेकिन आज हमारा समाज इतना मजबूत हो गया है कि अब टिकट बांटता है।"
उन्होंने अपनी पार्टी की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि वीआईपी पार्टी बिहार में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनकर उभर रही है, और आने वाले समय में यह पार्टी सत्ता की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ी मांग
सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की कि बाबा ज्योतिष नाथ एवं बाबू कारीख नाथ मेले को राजकीय दर्जा दिया जाए। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा,
"अगर इस सरकार में इस मेले को राजकीय मेला घोषित नहीं किया जाता है, तो महागठबंधन की सरकार बनते ही इसे राजकीय मेला घोषित किया जाएगा और इसके विकास के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी।"
उन्होंने बिहार के निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की मांग दोहराई और कहा कि,
"बिहार में निषाद समाज के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया गया है। हमारी मांग है कि सरकार इस समाज को आरक्षण दे और उसके हक की रक्षा करे।"
निषाद समाज के समर्थन से सत्ता तक पहुंचने की कोशिश
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मुकेश सहनी निषाद समाज को एकजुट कर एक मजबूत राजनीतिक आधार तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में निषाद समुदाय की संख्या अच्छी-खासी है, और सहनी इसे अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं।
उनका यह बयान महागठबंधन के भीतर भी हलचल मचा सकता है, क्योंकि वीआईपी के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव से राजद और जदयू की चुनावी रणनीति पर असर पड़ सकता है।
पत्रकारिता पर भी दिया बयान
इसी बीच सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक रविभूषण सहाय ने एक संगोष्ठी में मीडिया की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि,
"सच्ची और सटीक खबरों से ही मीडिया की विश्वसनीयता बढ़ती है। आज के समय में कई लोग पत्रकारिता में आ रहे हैं, लेकिन बिना उद्देश्य के काम करने से पत्रकारिता का स्तर गिरता है।"
उन्होंने सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी चर्चा की और कहा कि,
"अगर पत्रकार आमजन के सरोकार से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं, तो सरकार उनके काम की सराहना करती है।"
बिहार की राजनीति में नई हलचल
मुकेश सहनी का यह बयान महागठबंधन और एनडीए दोनों के लिए चुनौती बन सकता है। वीआईपी प्रमुख के इस दावे से महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान हो सकती है, वहीं भाजपा के खिलाफ लगाए गए आरोपों से सियासी माहौल गर्म हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि आगामी चुनाव में वीआईपी कितना प्रभावी प्रदर्शन कर पाती है और बिहार की राजनीति में इसका कितना असर देखने को मिलता है।
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