पटना: बिहार की राजनीति में जुबानी जंग तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें "अज्ञानी" करार दिया। मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव बजट को लेकर अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं और बिहार को इस बजट में जितना मिलना चाहिए था, उससे अधिक मिला है।
नीतीश कुमार की सेहत पर टिप्पणी से पहले अपनी जांच कराएं तेजस्वी - मांझी
जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत पर बार-बार की जा रही टिप्पणियों पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव बार-बार नीतीश कुमार की सेहत को लेकर बयान दे रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि पहले उन्हें खुद अपनी सेहत की जांच कराकर मेडिकल रिपोर्ट पेश करनी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे बिहार के जिलों का दौरा कर रहे हैं, विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं और बिहार के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं।"
"तेजस्वी को विकास की समझ नहीं, वे केवल बयानबाजी करते हैं"
मांझी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव को विकास से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी सिर्फ बयानबाजी करने में माहिर हैं और उनके पास बिहार के विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
"तेजस्वी यादव का विकास से कोई लेना-देना नहीं है। वे कभी संघर्ष नहीं किए, कभी आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, कभी जेल नहीं गए। उन्होंने बिहार के लिए कुछ नहीं किया। वे सिर्फ एक खास समूह की राजनीति करते हैं और उसी के इर्द-गिर्द सोचते हैं।"
बजट पर तेजस्वी का विरोध बेबुनियाद - मांझी
मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में बिहार को जितना मिलना चाहिए था, उससे अधिक मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी बजट की सही जानकारी न होने के कारण अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं।
"जो व्यक्ति समाज की जरूरतों को ही नहीं समझता, वह बजट पर क्या राय देगा? तेजस्वी यादव को यह तक पता नहीं कि इस बजट में बिहार को कितना लाभ मिला है। वे केवल विपक्षी राजनीति के तहत बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।"
महाकुंभ भगदड़ पर बोले मांझी - "गलतफहमी से हुआ हादसा"
महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर भी मांझी ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि वहां व्यवस्थाएं पहले से कहीं अधिक बेहतर थीं, लेकिन कुछ गलतफहमी के कारण यह घटना घटी। मांझी ने प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया और अब सब कुछ सही तरीके से चल रहा है।
"विपक्ष इस मुद्दे पर भी अनावश्यक बयानबाजी कर रहा है। जो लोग सरकार की आलोचना कर रहे हैं, वे सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।"
"शिक्षा शेरनी का दूध है, इसे अपनाएं"
अपने संबोधन में जीतन राम मांझी ने शिक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा,
"शिक्षा शेरनी का दूध है, जो इसे पीता है वह शेर से कम नहीं होता। अपने बच्चों को शिक्षित बनाइए, उन्हें अच्छी शिक्षा दीजिए, ताकि वे समाज और देश के विकास में योगदान दे सकें।"
पटना में 28 फरवरी को होगी बड़ी रैली
इस मौके पर हम सेक्युलर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने आगामी 28 फरवरी को पटना में होने वाले बड़े सम्मेलन की जानकारी दी। हम के राष्ट्रीय नेता राजेश रंजन ने कहा कि घोसी विधानसभा से बड़ी संख्या में लोग इस रैली में भाग लेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस रैली के बाद विरोधियों के मन में डर पैदा होगा।
सम्मेलन में कई दिग्गज नेता रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में हम सेक्युलर के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अनिल कुमार, घोसी विधानसभा से भावी प्रत्याशी राजेश रंजन, रितेश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा, हम के जिला अध्यक्ष मनीष कुमार, पंपी शर्मा, वीरेंद्र कुमार सिंह, प्रभात भूषण श्रीवास्तव, सुनील कुमार सुमन समेत बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता और नेता उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और जीतन राम मांझी के बीच बयानबाजी लगातार तेज हो रही है। मांझी ने तेजस्वी को अज्ञानी करार देते हुए उन्हें बजट और विकास योजनाओं की सही समझ न होने का आरोप लगाया। वहीं, उन्होंने महाकुंभ में हुई भगदड़ को भी गलतफहमी का परिणाम बताया और प्रशासन की तारीफ की।
अब देखने वाली बात यह होगी कि तेजस्वी यादव इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या बिहार की राजनीति में यह तकरार आगे और बढ़ती है।
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