बिहार के सहरसा जिले के महिषी थाना क्षेत्र से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां एक नाबालिग लड़की के साथ गांव के ही युवक ने दुष्कर्म किया। लेकिन इस जघन्य अपराध के बाद जब न्याय की उम्मीद की गई, तो आरोपी को सजा दिलाने के बजाय गांव की पंचायत ने 1.11 लाख रुपये की मुआवजा राशि तय कर दी। जब यह राशि नहीं मिली, तो पीड़िता की मां को जातिसूचक गालियां दी गईं और उसे अपमानित किया गया।
घटना के एक महीने बाद जब पंचायत के फैसले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो पीड़िता की मां ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पास गुहार लगाई। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस घटना ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा, पंचायतों की मनमानी और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना 4 जनवरी की शाम की बताई जा रही है। पीड़िता की मां द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, उसकी 15 वर्षीय बेटी उस शाम खेत में शौच के लिए गई थी। तभी गांव के ही 21 वर्षीय युवक ने घात लगाकर उसे दबोच लिया। जब किशोरी ने विरोध किया और शोर मचाने लगी, तो आरोपी ने उसका मुंह बंद कर दिया और जबरन उसे लगभग 200 मीटर दूर एक सुनसान घर में ले गया। वहां आरोपी ने दुष्कर्म की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।
बेटी जब काफी देर तक घर नहीं लौटी, तो परिजन उसे खोजने निकले। काफी तलाश के बाद जब वे उस घर के पास पहुंचे, तो आरोपी और उसके साथियों ने परिजनों को गाली-गलौज कर भगा दिया। डर और दहशत के माहौल में रात करीब 1 बजे किशोरी किसी तरह वहां से निकलकर अपने घर पहुंची और आपबीती सुनाई।
गांव की पंचायत ने किया न्याय का सौदा
घटना के अगले दिन गांव में पंचायत बैठी, जिसमें परिजनों को उम्मीद थी कि आरोपी के खिलाफ सख्त फैसला लिया जाएगा। लेकिन पंचायत ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि आरोपी पक्ष 1.11 लाख रुपये देगा, ताकि पीड़िता की शादी कर दी जाए और मामला खत्म हो जाए।
यह फैसला न केवल अन्यायपूर्ण था, बल्कि यह भी दिखाता है कि समाज में महिलाओं को किस नजरिए से देखा जाता है। यहां पीड़िता के दर्द को समझने के बजाय उसकी इज्जत की कीमत लगा दी गई, जो हमारे सामाजिक ढांचे में गहरी पैठी रूढ़ियों और कुरीतियों को उजागर करता है।
एक महीने तक इंतजार, फिर पुलिस से गुहार
पंचायत के फैसले के बाद पीड़िता के परिवार ने लगभग एक महीने तक इंतजार किया कि आरोपी पक्ष उन्हें तय की गई रकम देगा। लेकिन जब कोई भुगतान नहीं हुआ, तो पीड़िता की मां आरोपी के घर पहुंची। वहां उसे न केवल अपमानित किया गया, बल्कि पांच नामजद लोगों ने उसे जातिसूचक गालियां भी दीं।
इसके बाद, पीड़िता की मां ने एसपी कार्यालय पहुंचकर आवेदन दिया और न्याय की गुहार लगाई। अपनी शिकायत में उन्होंने न केवल आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाया, बल्कि उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने पंचायत में सौदेबाजी की और बाद में गाली-गलौज कर अपमानित किया।
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