बिहार के सहरसा जिले में सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान पुलिस द्वारा डीजे बजाने से रोकने पर पैरा मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने गुस्से में आकर मॉडल सदर अस्पताल के आपातकालीन गेट को बंद कर दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ समय तक अस्पताल की सेवाएं भी बाधित रहीं।
क्या हुआ था मूर्ति विसर्जन के दौरान?
विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि वे सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के लिए निकले थे और साधारण साउंड सिस्टम बजा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें डीजे बंद करने के लिए कहा। छात्रों ने आरोप लगाया कि शहर और ग्रामीण इलाकों में कई जगहों पर तेज आवाज में डीजे बज रहा था, लेकिन सिर्फ उन्हें ही इसे बंद करने के लिए कहा गया, जो कि भेदभावपूर्ण फैसला था।
छात्रों के अनुसार, पुलिस की इस सख्ती से वे नाराज हो गए और विरोध करने के लिए अस्पताल परिसर के आपातकालीन गेट को बंद कर दिया। उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके फैसले पर सवाल उठाए।
आपातकालीन गेट बंद होने से मरीजों को परेशानी
छात्रों के विरोध प्रदर्शन और आपातकालीन गेट बंद होने से अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आपातकालीन सेवाएं कुछ देर के लिए बाधित हो गईं, जिससे मरीजों के इलाज में देरी हुई। हालांकि, कुछ समय बाद अस्पताल प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया और छात्रों को समझा-बुझाकर गेट खुलवाया। इसके बाद छात्र मूर्ति विसर्जन के लिए आगे बढ़ गए।
पुलिस और प्रशासन की ओर से अब तक नहीं आया कोई बयान
इस घटना पर अब तक पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, स्थानीय लोगों की राय इस मामले में बंटी हुई है।
कुछ लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई सही थी, क्योंकि अस्पताल में गंभीर मरीज भर्ती रहते हैं और तेज आवाज से उन्हें परेशानी हो सकती है। वहीं, छात्रों का कहना है कि अगर पुलिस को डीजे बंद कराना था, तो यह नियम सभी जगहों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए था, सिर्फ उनके जुलूस को टारगेट करना गलत था।
छात्रों ने दी आगे भी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस आगे भी इसी तरह भेदभावपूर्ण रवैया अपनाएगी, तो वे और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और छात्रों की नाराजगी को शांत करने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।
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