सहरसा: सहरसा-पूर्णिया रेलखंड पर स्थित बैजनाथपुर रेलवे स्टेशन के पूरब खजुरी गांव के सामने बने समपार फाटक संख्या 98 सी और 97 सी को रेलवे प्रशासन द्वारा बंद कर अंडरपास पुल का निर्माण किया गया है। शुक्रवार को इन दोनों फाटकों को पूरी तरह बंद करने के लिए रेलवे पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, जहां उन्हें ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
रेलवे प्रशासन ने जेसीबी मशीन की सहायता से दोनों समपार फाटकों को काटकर बंद कर दिया, जिससे अब लोगों को आवाजाही के लिए अंडरपास पुल का ही सहारा लेना पड़ेगा। लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अंडरपास में साल के छह महीने तीन से चार फीट तक पानी जमा रहता है, जिससे वाहन, साइकिल और पैदल यात्रियों के लिए आवागमन कठिन हो जाता है। अब जब ऊपरी समपार फाटक को भी बंद कर दिया गया है, तो बारिश के समय इस मार्ग के पूरी तरह बाधित होने की आशंका बढ़ गई है।
ग्रामीणों ने रोकी पैसेंजर ट्रेन, किया विरोध प्रदर्शन
फाटक संख्या 97 सी पर कुछ युवाओं ने मधेपुरा से सहरसा आ रही पैसेंजर ट्रेन को रोककर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि खजुरी पंचायत के हजारों लोगों के लिए सहरसा-मधेपुरा मुख्य मार्ग (एनएच-107) पर जाने का यह एकमात्र महत्वपूर्ण रास्ता था, जिसे बंद करने की "साजिश" की गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि वे इस फैसले को यूं ही स्वीकार नहीं करेंगे और आगे भी विरोध जारी रखेंगे।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
ढाला बंद कराने पहुंचे रेलवे विभाग के अधिकारी डीके विभूति और अंचलाधिकारी धीरज कुमार ने विरोध कर रहे लोगों को आश्वस्त किया कि यदि बारिश के समय कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो उसका समाधान निकाला जाएगा। हालांकि, ग्रामीण इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं दिखे और इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की।
आगे क्या?
ग्रामीणों का कहना है कि यदि अंडरपास पुल में जलजमाव की समस्या बनी रही, तो वे रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग करेंगे। फिलहाल, रेलवे द्वारा समपार फाटकों को बंद कर दिया गया है, लेकिन स्थानीय लोग इस फैसले को लेकर नाराज हैं और जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दे रहे हैं।
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