बघवा स्थित R P R हाई स्कूल की तीन मेधावी छात्राओं ने मैट्रिक परीक्षा में असाधारण प्रदर्शन कर न सिर्फ अपने स्कूल का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे क्षेत्र में गर्व की भावना जगा दी है। इस वर्ष की परीक्षा में सुरुचि कुमारी ने 461 अंक प्राप्त कर स्कूल टॉप किया, वहीं अदिति प्रिया ने 451 अंक और राधा रानी ने 442 अंक हासिल कर उल्लेखनीय सफलता दर्ज की। इन तीनों छात्राओं की मेहनत, लगन और आत्मविश्वास ने यह साबित कर दिया है कि ग्रामीण परिवेश की बेटियां भी अगर ठान लें तो किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं।
इन तीनों छात्राओं की सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार को गर्व महसूस कराया है, बल्कि पूरा बघवा गांव और स्कूल प्रशासन भी अत्यंत प्रसन्न है। स्थानीय समाजसेवी बिट्टू राय ने छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि बेटियों की यह कामयाबी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि उचित मार्गदर्शन और समर्थन मिलने पर लड़कियां हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में बेटियां किसी भी रूप में पीछे नहीं हैं और यह सफलता उसकी जीवंत मिसाल है।
वहीं, शिवशंकर राय ने तीनों छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनकी मेहनत और अनुशासन ने एक नई कहानी लिखी है। उन्होंने कहा कि जब तक हम शिक्षा को प्राथमिकता नहीं देंगे, तब तक समाज का समग्र विकास संभव नहीं है। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि इस उपलब्धि में स्कूल के शिक्षक और अभिभावकों का भी उतना ही योगदान है जितना इन छात्राओं का। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि यह सफलता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी और शिक्षा की दिशा में नए कीर्तिमान स्थापित होंगे।
R P R हाई स्कूल के लिए यह एक गौरवपूर्ण क्षण है। ग्रामीण परिवेश में शिक्षा की राह में अनेक चुनौतियाँ होती हैं—संसाधनों की कमी, जागरूकता का अभाव, और सामाजिक दबाव—but इन तीनों छात्राओं ने हर बाधा को पार कर यह सिद्ध कर दिया कि संकल्प और समर्पण के बल पर कुछ भी असंभव नहीं है। इनकी सफलता उन तमाम छात्राओं के लिए भी एक सन्देश है जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखने का साहस रखती हैं।
बघवा क्षेत्र के लोगों में इन बेटियों की सफलता को लेकर गर्व की भावना है और अब पूरे गांव को उम्मीद है कि यह शुरुआत एक नई सोच, नई दिशा और नई रफ्तार को जन्म देगी। यह तीनों बेटियाँ न केवल अपने परिवार और स्कूल की शान बनीं, बल्कि समाज को यह भी दिखा दिया कि बेटियों को अगर मौका मिले, तो वे इतिहास रच सकती हैं।
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